कैसे ध्यान करूं मै पभु का ये मन चंचल सा क्यों है? कैसे ध्यान करूं मै पभु का ये मन चंचल सा क्यों है?
जाने क्यों.... जाने क्यों....
पर ये जो ज़िंदादिली है, तुम से ही है। पर ये जो ज़िंदादिली है, तुम से ही है।
अलग हुए गण और तंत्र को एक साथ जोड़ जाते हैं। अलग हुए गण और तंत्र को एक साथ जोड़ जाते हैं।
काश! मिले मंदिर में अल्लाह मस्ज़िद में भगवान मिले। काश! मिले मंदिर में अल्लाह मस्ज़िद में भगवान मिले।
जिंदगी जहां से होती है शुरू ; वहीं मिलती है देवदार के दरख्तों से भी ज्यादा सघन , ज्य जिंदगी जहां से होती है शुरू ; वहीं मिलती है देवदार के दरख्तों से भी ज्यादा सघन ,...